किस ओर चली गयी मानव प्रवृत्ति, सुखमय जीवन से विलासी निवृत्ति। किस ओर चली गयी मानव प्रवृत्ति, सुखमय जीवन से विलासी निवृत्ति।
रिश्तों में ही तेरा और मेरा निवास है जिनकी कभी कम ना होने देनी मिठास है। रिश्तों में ही तेरा और मेरा निवास है जिनकी कभी कम ना होने देनी मिठास है।
आएं लाख मुश्किलें पर न कभी ही घबराना, जो संकल्प हो दृढ़ तो संग-संग हो ज़माना। आएं लाख मुश्किलें पर न कभी ही घबराना, जो संकल्प हो दृढ़ तो संग-संग हो ज़माना।
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माता पिता हमारे भगवन प्रातः उठ करें उन्हें नमन । माता पिता हमारे भगवन प्रातः उठ करें उन्हें नमन ।
जो काला और गन्दा सपना मन की परती जमीन पर, किसी जंगली पेड़ की तरह सर ऊँचा कर खड़ा ह जो काला और गन्दा सपना मन की परती जमीन पर, किसी जंगली पेड़ की तरह सर ऊ...